हम में से हर एक व्यक्ति किसी न किसी को जानता होगा जो की गुर्दे की पथरी के दर्द से गुज़रा हो। भारत में गुर्दे की पथरी सबसे सामान्य समस्या बन गई है. जिन लोगों को गुर्दे की पथरी होती है वह असहनीय दर्द, बुखार, उलटी, मतली, पेट में दर्द, यूरिन में रक्त और यूरिन रंग में परिवर्तन जैसी समस्याओं से गुज़रते हैं. शोध के अनुसार यह पता चला है कि अगर आपके शरीर में एक बार गुर्दे की पथरी विकसित हुई, तो आपका शरीर इसे अगले 10 वर्षों में फिर से विकसित करने में अधिक संवेदनशील बन जाता है। पथरी का इलाज संभव है, लेकिन यदि हम कुछ आहार और जीवनशैली में बदलावों का अनुसरण करें तो हम इसे विकसित होने से रोक सकते है. यहाँ कुछ खास तरीके हैं जो आप गुर्दे की पथरी को प्राकृतिक रूप से रोकने के लिए अपना सकते हैं।
गुर्दे की पथरी से स्वाभाविक रूप से कैसे बचें?
अपने वर्तमान आहार और जीवन शैली में छोटे परिवर्तन करके आप गुर्दा की पथरी उत्पन्न होने की संभावना कम कर सकते हैं।
1. पानी का सेवन अधिक करें – पानी की खपत में वृद्धि गुर्दे की पथरी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आप अधिक पानी पीते हैं तो आपके यूरिन की कंसंट्रेशन कम होगी। लेकिन कम पानी की खपत आपके यूरिन को अधिक घनिष्ट करती है जिससे पथरी का विकास होता है। आपको संतरे का रस या नींबू पानी पीना चाहिए, वे साइट्रेट में समृद्ध होते हैं जो पथरी को बनाने से रोकते हैं। यदि आप व्यायाम करते है, तो आपको अधिक लिक्विड लेने की आवश्यकता होती है। तो हाइड्रेटेड रहें और पथरी को बनने से रोके.
2. कैल्शियम का सेवन बढ़ाएं – कम कैल्शियम युक्त आहार लेने वाले लोग दूसरों की तुलना में गुर्दे की पथरी बननेकी सम्भावना अधिक रहती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया जैसी अन्य समस्याओं को भी बढ़ाता है। आप अपने आहार कैल्शियम युक्त कम वसा वाले दूध, पनीर और दही शामिल कर सकते हैं.
3. सोडियम का सेवन कम करें- उच्च मात्रा में सोडियम युक्त आहार से गुर्दे की पथरी की संभावना बढ़ जाती है। मूत्र में अत्यधिक नमक कैल्शियम को मूत्र से रक्त में पुन: संसृत होने से रोकता है। जो गुर्दे की पथरी की सम्भावना बढाता है । सोडियम का सेवन कम करने के लिए आप ऐसे पदार्थों का खपत जो सोडियम नाइट्रेट, बेकिंग सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट), प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे चिप्स, डिब्बाबंद सूप या खाद्य पदार्थ युक्त है काम केर सकते है.
4. पशु प्रोटीन का सेवन घटाएँ- पशु का मांस प्रोटीन में समृद्ध होता है। वे प्रकृति में अम्लीय होते हैं और यूरिक एसिड उत्पादन में वृद्धि करते हैं। वे दोनों कैल्शियम ऑक्सलेट और यूरिक एसिड किडनी पत्थरों की संभावना बढ़ाते है। लाल मांस, मुर्गी और मछली की खपत को कम करके आप प्रोटीन का सेवन काम कर सकते है.
5. शीतल पेय का सेवन काम करें- शीतल पेय जैसे कोला आदि में उच्च चीनी और फॉस्फोरस सामग्री होती है। जो किडनी के पत्थर का भी एक कारण बनती है.
6. कम ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थ खाएं- ऑक्सलेट आम तौर पर उन खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं जो कि गुर्दे की पथरी भी पैदा करते हैं। आप गुर्दे की पथरी विकसित करने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं, यदि आप ऑक्सालेट समृद्ध खाद्य पदार्थों की खपत काम करे तो। उच्च मात्रा में ऑक्सलेट पालक, चॉकलेट, मीठे आलू, कॉफी, मूंगफली और सोया उत्पादों में होता है.
7. विटामिन सी की खुराक से बचें- विटामिन सी की खुराक के कारण गुर्दे की पथरी भी हो सकती है इसलिए यदि आप कोई पूरक दवाएं ले रहे हैं, तो आपको निश्चित रूप से अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
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