Post by DoctoriDuniya

हाई कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकर हो सकता है। यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक , रक्त का थक्का जमना जैसे खतरनाक बिमारियों को जन्म देता है। हाइ कॉलेस्ट्रोल से रक्त मे वसा की मात्रा बढ़ जाती है जो हार्ट की धमनियों में अवरोध पैदा करता है। अतः कॉलेस्ट्रोल की मात्रा बढ्ने पर मोटापा, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, रक्त में थक्का जमना आदि की संभावना बढ़ जाती है। शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है की कॉलेस्ट्रोल की मात्रा को कंट्रोल में रखा जाएँ।
कोलेस्ट्रॉल एक तरह का वसायुक्त तत्व है जो रक्त में पाया जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन लिवर द्वारा होता है एवं खाद्य पढ़ार्थों जैसे मांस, मछ्ली, अंडा, पोल्ट्री प्रॉडक्ट आदि से भी प्राप्त होता है। स्वस्थ शरीर के लिए यह अत्यंत आवश्यक है की शरीर में इसकी मात्रा सामान्य रहे। कोलेस्टेरोल की अत्यधिक मात्रा रक्त में थक्का जमने की संभावना बढ़ा देता है, जो हृदय संबन्धित समस्याएं पैदा करता है। स्वास्थ चिकित्सक के अनुसार कॉलेस्ट्रोल का स्तर 200 एमजी/डीएल से उपर नहीं जाना चाहिए।
कॉलेस्ट्रोल कोशिकाओं की दीवारों को बनाने और सक्रिए रखने के लिए, नर्वस सिस्टम के सुरक्षा कवच एवं हार्मोंस के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। यह प्रोटीन के साथ मिलकर लिपोप्रोटीन बनाता है, जो वसा को रक्त में घुलने से रोकता है।
हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाये जाते हैं- एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन, अच्छा प्रोटीन) और एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन, बैड कोलेस्ट्रॉल)।
कोलेस्ट्रॉल के रिस्क फैक्टर्स-
1) कोलेस्ट्रॉल दिल व दिमाग़ की तरफ़ जानेवाली धमनियों को काफ़ी संकरा नहीं कर देता है, जिससे हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
2) कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा पथरी रोग, उच्च रक्तचाप, थकान, कमज़ोरी, सांस लेने में तकलीफ़, अधिक पसीना आना, सीने में दर्द, बेचैनी, थायरॉयड और गुर्दे की बीमारी का खतरा भी बढ़ती है।
3) कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा नसों में अवरोध उत्पन्न करती हैं एवं शरीर में लकवा मारने का खतरा भी बढ़ाती है।
कोलेस्ट्रॉल को कैसे करें कंट्रोल ?
1) अपने खान पान में ज़ीरो कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन जैसे ताजे फल एवं सब्ज़ियों का अधिक से अधिक सेवन करें।

2) कैल्सियम युक्त एवं फ़ाइबरयुक्त पदार्थ को अपने खान पान में शामिल करें एवं लहसुन, नींबू, प्याज़ का भी अधिक इस्तेमाल करें ।

3) रेड मीट दूध, बटर, घी, क्रीम, मिठाइयां का इस्तेमाल एक स्तर तक करें।

4 )दाल , सोयाबीन एवं ओट्स का प्रयोग ज़रूर करें।

5) सिगरेट-शराब का सेवन कम करें.

6) शरीर का वजन सामान्य रक्खे, ज़्यादा से ज़्यादा पैदल चले, सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।

7) नियमित एक्सरसाइज़ ,योगा एवं ध्यान करें।

8) हर 5 साल में कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट अवश्य करवाएँ।
To get your complete health check up done contact doctoriduniya.com.
"Be Informed, Be Healthy"